Jhankaar - Dil ke Taaro Ki
19 नवम्बर 1955 को अबोहर पंजाब में सचदेवा (अरोड़ा) परिवार में जन्म लिया। 1969 में पहली कविता लिखी और फिर सिलसिला चलता ही गया। पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा बहुत सी कविताएं पुरस्कृत हुईं। तीन काव्य संग्रह बे-नूर, बा-नूर, तहरीर-ए-जज़्बात प्रकाशित हो चुके हैं। हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग में अनेकों बार काव्य पाठ व व्याख्यान देने का अवसर प्राप्त हुआ व इनके ग्रंथों में प्रकाशित हुआ। हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा 'आचार्य' की मानदेय उपाधि से नवाजा गया। केन्द्रीय सचिवालय हिन्दी परिषद् का उत्तर भारत का संयोजक रहा व इसी परिषद् द्वारा वर्ष 1984 के लिये अखिल भारतीय हिन्दी सेवा सम्मान से केन्द्रीय मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। लगभग 50-60 कवि सम्मेलनों व अन्य मंचों पर जिनमें कुछ राष्ट्रीय स्तर के भी थे कविता पाठ व व्याख्यान देने का अवसर प्राप्त हुआ।मेरा यह काव्य संग्रह 'झंकार तारों की' इसी साहित्यिक यात्रा का नवीनतम सोपान है। कैसा है ये तो पाठक ही बता पाएंगे। समीक्षाओं का स्वागत है। सफर अभी जारी है। देखो ज़िन्दगी कहां तक ले जाती है। इस सफर में मेरे श्रोताओं व पाठकों की अहम भूमिका है, जिनके प्रोत्साहन व शाबाशी के बिना यहां तक पहुंचना असम्भव था और आगामी सफर भी असम्भव ही होगा। अतः मैं अपने सभी श्रोताओं व पाठकों हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
-रवि 'घायल
Author
Ravi Ghayal
ISBN
9789356052376Publication House
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