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Poetry
Zindagi
कुछ ख्वाहिशें रही होंगी ज़िंदगी में जो दिल में अभी भी खालिश रखती हैं।
इस किताब में भी लिखीं हैं कुछ ऐसी ख्वाहिशें कुछ ऐसे वादे जो न निभाए गए कुछ ऐसे अरमान जो बस सपनों में पिरोए रह गए और कुछ ऐसे लम्हे जो मुस्कुराहट के साथ एक दर्द भी लाते हैं।
इस किताब की शायरी से हर कोई जुड़ पाएगा क्योंकि हर कोई इस मोड़ से गुज़रा हुआ है या गुज़रे गा।
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